चीफ एडिटर महफूज अहमद
शुकुल बाजार अमेठी।पुलिस व वन विभाग से साठगांठ कर लकड़ी ठेकेदार रात दिन हरे प्रतिबंधित पेड़ काट रहे हैं।वहीं, जिम्मेदार जानकर भी अनजान बने हुए हैं।आपको बता दे कि एक तरफ सरकार पर्यावरण को लेकर जितना संजीदा है।एक पेड़ मां के नाम अभियान सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण को लेकर चलाया जा रहा है उधर दूसरी तरफ उतना ही लकड़ी ठेकेदार हरियाली को नष्ट करने पर आमादा हैं।थाना क्षेत्र में इन दिनों बगैर परमिट हरे भरे पेड़ों पर आरा चल रहा है। पिछले चार महीने से वन विभाग पर्यावरण संतुलन के लिए पौध रोपण करा रहा है,जिस पर करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाया गया है। बावजूद इसके आम,महुआ, नीम,शीशम व सागौन,गूलर जैसे पेड़ों को ठेकेदार काटकर उठा ले जाते हैं। वहीं, क्षेत्र में हो रही हरे वृक्षों की कटान के लिए वन विभाग को पुलिस जिम्मेदार ठहराती है। वहीं, वन विभाग हमेशा स्टाफ व संसाधनों का रोना रोता है। सूत्रों के मुताबिक लकड़ी काटने वाले वन मुंशी व गार्डों से तालमेल बनाकर जंगलों से गूलर,नीम शीशम व सागौन के पेड़ काट कर आसपास खुली फर्नीचर व आरा मशीन की दुकानों पर बेच देते हैं।जिस पर कई बार क्षेत्रीय लोगों ने जंगलों से काटकर ले जाते लकड़ी पकड़ी और उच्च अधिकारियों को बताया, किन्तु आज तक वन कर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है,जो कि आज भी जंगलों से लकड़ी बेच रहे हैं।थाना क्षेत्र के किशनी,पाली, उरेरमऊ, टेवसी, महोना,लालगंज,तकिया बदलगढ़,सत्थिन,मकदूमपुर, आदि गांवों में अवैध ढंग से प्रतिबंधित पेड़ काटे जा रहे हैं।
क्या बोले वन क्षेत्राधिकारी
वन क्षेत्राधिकारी मुसाफिरखाना ज्योतिर्मय शुक्ला ने बताया कि तकिया बदलगढ़ और लालगंज में हुए अवैध प्रतिबंधित हरे भरे पेड़ो की कटाई की सूचना पर मौके पर पहुंचकर जांच किया और आगे की विधिक कार्यवाही की जा रही है।।